Thursday, September 11, 2025
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विदेशी धरती पर अश्विनी विश्नोई ने चीन की पहलवान को हराकर जीता गोल्ड, रचा इतिहास

भीलवाड़ा की निवासी है अश्विनी विश्नोई, वियतमान में अंडर-17 एशियन कुश्ती में बनी चैंपियन
भीलवाड़ा.
विदेशी धरती वियतनाम में भीलवाड़ा की अश्विनी विश्नोई ने इतिहास रच दिया। वियतनाम में हो रही अंडर-17 एशियन कुश्ती चैंपियनशिप में अश्विनी विश्नोई ने 65 किलो भार वर्ग में गोल्ड मेडल जीता है। विश्नोई ने चीन की पहलवान जियाओ को हराकर यह मेडल हासिल की। उसके मेडल जीतने के समाचार आते ही भीलवाड़ा जिले के साथ-साथ बिश्नोई समाज में खुशी की लहर छा गई। अब अश्विनी विश्नोई गोल्ड लेकर 29 जून को भीलवाड़ा पहुंचेगी, जहां जगह-जगह धूमधाम से स्वागत होगा।

पहले उज्जेबिगिस्तान, दूसरा कजाकिस्तान की पहलवान को हराया, फाइनल में चीन को मात दी
अश्विनी एशियन चैम्पियनशिप प्रतायोगिता में भारत की टीम से शिरकत कर रही है। यह प्रतोयोगिता 18 से 26 जून तक आयोजित हुई। इसमें अश्विनी का पहला मुकाबला उज्जेबिगिस्तान की पहलवान के साथ हुआ। इसमें विश्नोई ने जीत दर्ज की। दूसरा मुकाबला कजाकिस्तान की पहलवान से हुआ, उसमें भी विजेता रही। उसके बाद अश्विनी फाइनल में पहुंच गई। यहां पर 65 किलोभार में मुकाबला चीन की जियाओ के साथ हुआ। यह मुकाबला भी आसानी से अश्विनी विश्नोई जीत गई।

मजदूर की बेटी है अश्विनी
भीलवाड़ा शहर के प्रतापनगर में अश्विनी का परिवार रहता है। उसके पिता मुकेश विश्नोई एक फैक्ट्री में मजदूरी करते है। मुकेश के दो बेटियां व एक बेटा है। 16 वर्षीय अश्विनी विश्नोई सबसे बड़ी बेटी है। परिवार को उसके गोल्ड मेडल जीतने के समाचार मिलते ही खुशी की लहर छा गई। पिता मुकेश का कहना है कि बेटी व मेरा सपना पूरा हो गया। अश्विनी विश्नोई के कोच कल्याण विश्नोई है। हमेशा उनकी देखरेख में कुश्ती की तैयारी करती थी। इससे पहले भी अश्विनी देश के लिए 14 बार गोल्ड, सिल्वर व कास्ंय पदक जीत चुकी है। अश्विनी इसी वर्ष 12 वीं कला वर्ग में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुई थी।

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